किसानों के लिए खुशखबरी! PM धन धान्य योजना को कैबिनेट से मंजूरी

आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में ‘प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना’ (PM Dhan-Dhanya Krishi Yojana) को मंजूरी मिलने की संभावना है. यह योजना देश के 1.7 करोड़ छोटे और सीमांत किसानों को सीधा लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से लाई गई है, जिसका लक्ष्य कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाना और ग्रामीण समृद्धि लाना है.  

‘प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना’: मुख्य बिंदु

यह योजना भारतीय कृषि में सुधार के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है:

  • लक्षित क्षेत्र और लाभार्थी: यह योजना पहले चरण में 100 कम फसल उत्पादकता वाले जिलों में शुरू की जाएगी और इसका सीधा फायदा 1.7 करोड़ छोटे और सीमांत किसानों को मिलेगा.  
  • वित्तीय प्रावधान: योजना के लिए 1.37 लाख करोड़ रुपये का विशाल बजट निर्धारित किया गया है, जिसे केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर खर्च करेंगी.  
  • मुख्य लाभ:
    • किसानों को कम कीमत पर उच्च गुणवत्ता वाले बीज और मुफ्त उर्वरक मिलेंगे.  
    • सिंचाई सुविधाओं को बेहतर बनाया जाएगा, जिससे सूखे पर निर्भरता कम होगी.  
    • अल्पकालिक और दीर्घकालिक ऋण व्यवस्था में सुधार किया जाएगा, ताकि किसानों को समय पर और सस्ती दरों पर वित्तीय सहायता मिल सके.  
    • फसल कटाई के बाद पंचायत और ब्लॉक स्तर पर भंडारण सुविधाएं तैयार की जाएंगी.  
    • यह योजना दलहन और खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में सहायक होगी, साथ ही सब्जियों और फलों के उत्पादन को भी बढ़ावा देगी.  
    • ग्रामीण क्रेडिट स्कोर प्रणाली का विकास भी किया जाएगा.  

‘जन धन योजना’ से वेरीएशन

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ‘प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना’ एक कृषि-केंद्रित पहल है, जो ‘प्रधानमंत्री जन धन योजना’ (PM Jan Dhan Yojana) से भिन्न है. जन धन योजना का उद्देश्य वित्तीय समावेशन और बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच प्रदान करना है, जबकि धन धान्य कृषि योजना सीधे तौर पर कृषि उत्पादकता बढ़ाने और किसानों को इनपुट व बुनियादी ढांचा सहायता प्रदान करने पर केंद्रित है.  

निष्कर्ष: कृषि क्षेत्र में क्रांति

‘प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना’ की संभावित मंजूरी से कृषि उत्पादकता में वृद्धि, किसानों की आय में सुधार और ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक असमानता कम होने की उम्मीद है. यह योजना ‘किसानों की आय दोगुनी करने’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी, जिससे भारतीय कृषि अधिक मजबूत और टिकाऊ बनेगी.

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